Saturday, October 11, 2014


ा' अब तक ...वो भी मुश्किल था कभी ...यूँ ही मुट्ठी में भर लिया हो कुछ ऐसा तो नहीं हुआ कभी.... तो होंसला खुद ब खुद आ जायेगा और छूट रहा था जो सब्र लोट आयेगा।
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