बार बार मर के जीना सिखा दिया
रोते रोते हंसना सिखा दिया तूने
फूलों पर चल कर इतराते हैं लोग
काँटों पर चल कर इतराना सिखा दिया तूने
सुनते थे की चिरागों से रोशन होती हैं राहे
दमकते आंसुओं की ओस से राहो को सजा दिया तूने
पथरीली राहों पर होते हैं घायल लोगों के कदम
घायल कदमों से मंजिलों को चूमना सिखा दिया तूने
लोग कहते हैं तुझे बेरहम लेकिन
मुझे बिन पंखों के उड़ना सिखा दिया तूने