Monday, March 7, 2016

मैं   अकेला  कहाँ चला था
साथ थी सातों दिशाएँ
और मन की अनेक व्यथाएं
अनगिनत आकान्शायें
और जमाने की प्रत्यंचाएं .
था थोडा सा उजाला
और घना था अन्धेरा
रास्ता बीहड बहुत था
पर संकल्प घना घनेरा ..
मैं अकेला कहाँ चला था
साथ था विश्वास मेरा

ਮੈਂ ਅਕੇਲਾ ਕਹਾਂ ਚਲਾ ਥਾ 
ਸਾਥ ਥੀ ਸਾਤੋ ਦਿਸ਼ਾਏਂ 
ਔਰ ਮਨ ਕੀ ਅਨੇਕ ਵ੍ਯਥਾਏਂ  
ਅਨਗਿਨਤ  ਆਕਾਂਸ਼ਾਏਂ 
ਔਰ ਜਮਾਨੇ ਕੀ ਪ੍ਰਤ੍ਯਾਂਚਾਏਂ 

ਥਾ ਥੋੜਾ ਸਾ ਉਜਾਲਾ 
ਔਰ ਘਨਾ ਥਾ ਅੰਧੇਰਾ 
ਰਾਸਤਾ ਬੀਹਦ ਬਹੁਤ ਥਾ 
ਪਰ ਸੰਕਲਪ ਘਨਾ ਘਨੇਰਾ 
ਮੈਂ ਅਕੇਲਾ ਕਹਾਂ ਚਲਾ ਥਾ 
ਸਾਥ ਥਾ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਮੇਰਾ 



मैं अकेला कहाँ चला था
साथ थी सातों दिशाएँ
और मन की अनेक व्यथाएं
अनगिनत आकान्शायें
और जमाने की प्रत्यंचाएं .
था थोडा सा उजाला
और घना था अन्धेरा
रास्ता बीहड बहुत था
पर संकल्प घना घनेरा ..
मैं अकेला कहाँ चला था
साथ था विश्वास मेरा
संघर्ष जरूरी है ...रूह एक बार जलेगी तो कुंदन होगी ...माना बिलकुल सही है जल जल कर ही कुंदन हुआ जाता है पर जलना किस हद तक है यह कौन तय करता है ..और अगर जयादा जल गए तो मरहम काम भी करेगा या नहीं...? कर लिया तो जलने का गम भी कुछ हद तक भर ..ही जाएगा और नहीं भरा तो ...कौन जिम्मेवार होगा ...वो जिसने कहावत बनायी लेकिन पूरी नहीं बनायी ..या वो जिसने मानी लेकिन अंत के बारे में  नहीं सोचा ....कमाल है आज कल जो पढ़ती हूँ उस पर ही सवाल करने लगती हूँ ..जिन्दगी जयादा समझ आने लगी है या की जो थोड़ी बहुत पहले समझ आती थी वो बत्ती  भी गुल है ..?
हाथ ढलते जा रहे हैं उसके घर के नक़्शे में 
नक्श के बाद नए नक्श निखारती है वो
कभी आँधियों से झूझती है 
कभी बिजलियों से झुलसती है 
फिर भी रिश्ते संवारती है वो
औरत
एक ह्रदय अनेक आधार
एक जीवन हज़ार उपकार
लगातार बार बार 
चाहे मिले
आलोचना तिरिस्कार
फिर भी
कोमल हृदया
उड़ेलती रही
प्यार प्यार प्यार
बुजदिल होते हैं जो ग़मों में रोया करते हैं 
काबिल तो तलवार की धार पर उम्र निकाल जाते हैं
सच को दिल से सुना जाता है और झूठ को दिमाग से
हम सभी अपने अपने हिस्से का संघर्ष करते हैं ,,हर सुबह एक नया संघर्ष ,एक नया मिशन और धीरे हम आदी होने लगते हैं झूझने के .....और भीतर से मजबूत भी ... . औरों का पता नहीं पर रास्ता जब तक मुश्किल न हो मुझे चलने में मज़ा नहीं आता सीधे ,सपाट रास्तों पर चल कर तो सैर की जाती है अर्जित तो मुश्किल रास्तों को किया जाता है न ?
संभावनाओं  के  वृक्ष  शाखा  एवं  पल्लव  विहीन  होते  हैं  केवल  मात्र  प्रयास  और  आत्मविश्वास  से  ही उन्हें  सींच  कर  पल्लवित  किया  जा  सकता  है 
चेहरे  की  लकीरों  का  रंग  जितना  गहराने  लगा
ऐ  वक्त  तूँ  मुझे  और  हसीन  नज़र  आने  लगा
सुनहरे  बालों  की  दमक  में उम्र  समेट  कर
तूफ़ान  ऐ  दरिया  भी  झरना  नज़र  आने  लगा .
ऐ जिन्दगी तेरे अहसान उतारने है मुझे
वक्त रहते कुछ कर्ज उतारने हैं मुझे
वो आंसू जो तूने दिए थे कभी
बन के मोती पन्नो पर दमकते हैं अब भी
वो श हतूत के पेड़ से गिरना और
आधी बेहोशी में घर तक जाना
जीवन के मुश्किल पलों में लडखडा कर चलना सिखा गया था
वो रूमानी अहसास जो किसी कोमल पल में
तूने यूँ ही मेरी झोली में डाल दिए थे
वो आज भी महकते हैं उसी तरह
मेरे बेटे का वो नन्हा स्पर्श जो
मैंने पहली बार अपने गर्भ में अनुभव किया था
वो आज भी ज्यूँ का त्यूं मेरी आत्मा में ज़िंदा है
वो सेंकडों लम्हे जब दोस्तों के साथ
घंटों और दिनों तक एक ही बात पर हंसा करती थी मैं
आज भी मुझे गुदगुदा कर जाते हैं कभी कभी
वो मुश्किल पल जिन्होंने पल पल रुलाया
न जाने कब मन की गहराइयों तक पेठ कर
कतरा कतरा मेरे कोमल मन को सींचते रहे
की आज कठिन से कठिन पल भी आसान लगने लगा है
डगमगाना ,गिरना ,सम्हलना,फिर चलना और मुस्कराना
कितना कुछ तूने यूँ ही सिखाया है मुझे
ऐ जिन्दगी तेरे अहसान उतारने है मुझे
वक्त रहते कुछ कर्ज उतारने हैं मुझे
सच को दिल से सुना जाता है और झूठ को दिमाग से
हम सभी अपने अपने हिस्से का संघर्ष करते हैं ,,हर सुबह एक नया संघर्ष ,एक नया मिशन और धीरे हम आदी होने लगते हैं झूझने के .....और भीतर से मजबूत भी ... . औरों का पता नहीं पर रास्ता जब तक मुश्किल न हो मुझे चलने में मज़ा नहीं आता सीधे ,सपाट रास्तों पर चल कर तो सैर की जाती है अर्जित तो मुश्किल रास्तों को किया जाता है न ?

How much Important is to be Quiet in some Situations



What are the situations in which it's better to remain quiet ? That's really difficult to figure out  such of those.

But yes Silence has a tremendous power & has its own language too.
In relationships we can use the power of silence and save them from being spoiled ...because when we remain quiet that means we are giving time to ourselves and others to figure out the reasons behind  the surge of emotions.

When we are speaking in public a pause at an appropriate place enhance the power of our speech .

Sometimes silence plays the role of a healer too...as when we remain silent in emotional situations   (  whether it be personal or professional ) that means we are analyzing the situation whether to respond or not , Is the person is mad on me or on my work or he / she is stressed with some other reason. 

It's  better to  wait for the right moment  to speak...but yes, I do agree that there are so many situations in everyday life when you need to speak/raise your voice  at the same moment  .