I owe to my dream world
Saturday, November 8, 2008
जिन्दगी ख्वाब होती .......
जिन्दगी ख्वाब होती तो अच्छा होता
आँख खुलने पर हर गम धुंआ होता
ख्वाहिशों को जी लेते जी भर नींद में
अरमानो का खून न देखना होता
भटक जाते गर राहे सफ़र मैं तो .......
झट खोल देते आँखे खोने का डर न होता
सुजाता दुआ
1 comment:
Unknown
said...
kaash zindagi khwaab hoti
November 10, 2008 at 2:15 AM
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kaash zindagi khwaab hoti
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