Saturday, November 8, 2008

उसने मांगी रुखसत .....

उसने मांगी रुखसत तो आँखे भीग आई मेरी
बेनाम रिश्ते मैं जज्बात क्यों इस कदर हावी हैं

आह भरता था वो जब भी दर्द उठता था मेरे सीने मैं
था जो जान से प्यारा क्यों दुश्मन आज वो हो गया

वक्त किसी के लिये न रुका है न रुकेगा 'सुजाता'
फिर कौन देखे उसे जो राह मैं घायल हो गया

सुजाता