I owe to my dream world
Saturday, January 31, 2009
इतने दिनों तक तसवुर में देखा किये जिसे
वो सामनें आया तो पहचाना न गया
बेहद अम्ली है वो हर पल रंग बदलता है
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हर बार कहता है वो अब नहीं जायेगा
और माँ मान जाती है
माँ का दिल फरेब कहाँ समझता है
सुजाता
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