Saturday, January 31, 2009

बड़ी हसरत से देखती है वो
नीले आसमान में उडते पंछियों को

शायद कभी उसके ख्वाहिशात को भी पंख मिल जाएँ
सुजाता

2 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

दिगम्बर नासवा said...

खूबसूरत शेर..............बधाई हो
बहूत सुंदर अभिव्यक्ति है....संत पंचमी की आप को बधाई