हो सके तो कांटे भी समेट ले आँचल में
फूल बहुत दिन तक कहाँ साथ निभाता है
क्यों हर शै पर निसार हुआ जाता है दिल
मुसाफिर को रास्तों से प्यार हुआ जाता है
साथ पल दो पल का ही हुआ है हर सफ़र
वो कौन है जो मरने के बाद साथ जाता है
फिर भी कह रहा है दिल बेसबब बार बार
वीरानी ऐ सफ़र न मिले किसी को हर बार
सुजाता दुआ
फूल बहुत दिन तक कहाँ साथ निभाता है
क्यों हर शै पर निसार हुआ जाता है दिल
मुसाफिर को रास्तों से प्यार हुआ जाता है
साथ पल दो पल का ही हुआ है हर सफ़र
वो कौन है जो मरने के बाद साथ जाता है
फिर भी कह रहा है दिल बेसबब बार बार
वीरानी ऐ सफ़र न मिले किसी को हर बार
सुजाता दुआ
1 comment:
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