Thursday, November 20, 2008

सफ़र


हो सके तो कांटे भी समेट ले आँचल में
फूल बहुत दिन तक कहाँ साथ निभाता है

क्यों हर शै पर निसार हुआ जाता है दिल
मुसाफिर को रास्तों से प्यार हुआ जाता है

साथ पल दो पल का ही हुआ है हर सफ़र
वो कौन है जो मरने के बाद साथ जाता है

फिर भी कह रहा है दिल बेसबब बार बार
वीरानी ऐ सफ़र न मिले किसी को हर बार

सुजाता दुआ

1 comment:

amy said...

you are really getting more and more psychedelic with every post... these post are really worth reading...