I owe to my dream world
Monday, March 16, 2009
टूटे सपने चुनता है .....
कभी सोचा है
एक दिन में
दिल कितनी बार
टूटता है....
और कितनी
बार सिलता है....
कुछ तरल सा
उसमें से निकलता
है और फिर
आंखों के रास्ते
बह जाता है ....
फिर संभलता है
निर्बाध ....
स्पंदित होता है
ना जानें ...?
कठिन पलों को
गिनता है या
टूटे सपने चुनता है
1 comment:
के सी
said...
कठिन पलों को
गिनता है या
टूटे सपने चुनता है
April 11, 2009 at 7:07 AM
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
कठिन पलों को
गिनता है या
टूटे सपने चुनता है
Post a Comment