Tuesday, November 18, 2008

खामोशी

खामोशी कुछ नहीं कहती बस तोड़ देती है
लहरों को उठने से पहले ही मोड़ देती है
कोई क्या जाने लहरों का गम ........
जब दरिया ही साथ छोड़ देती है ....!!

सुजाता दुआ



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