कभी सोचा है
एक दिन में
दिल कितनी बार
टूटता है....
और कितनी
बार सिलता है....
कुछ तरल सा
उसमें से निकलता
है और फिर
आंखों के रास्ते
बह जाता है ....
फिर संभलता है
निर्बाध ....
स्पंदित होता है
ना जानें ...?
कठिन पलों को
गिनता है या
टूटे सपने चुनता है
Monday, March 16, 2009
Thursday, March 12, 2009
स्नेह ......चुम्बकीय हो जाए
तुम बातों को हमेशा
तौलते क्यों हो ....?
क्यों रहता है सदा
तुम्हारा मन असुरक्षित ...
जैसे.... कहीं कुछ छूट रहा हो ...
या की फिर छूटना चाहता हो ...!!
शायद लगता है तुम्हे ..
पकड़ मजबूत हो तो
कभी छूटती नहीं हैं
चीजें ...( ?????? )
तो क्या ....
संबंध भी ऐसे ही संभले रहते हैं
...मात्र मजबूत पकड़ में ......?
नहीं ...!!!!
संबंधों की डोर तो
बंधी रहती है
कोमल एहसासों से
वहाँ मजबूती ............ ..
गहराई से आती है
जितने गहरे एहसास
उतना मजबूत सम्बन्ध
अच्छा तुम्ही बताओ ..
कितनी देर तक पकड़ सकते हो
जो....र .......से चीजों को
आख़िर तो हाथ थकेगा न
और पकड़ ढीली हो जायेगी
या की फिर ............ .......
वो ही दम तोड़ जायेगा
जो बंद है .........तुम्हारे
मुट्ठी - पाश में ....
तो.....बेहतर है ...
करो कुछ ऐसा
की ....ें(रिश्ते ).......
ख़ुद ही जुड़े रहना चाहे तुमसे
इतना दो उनमें ें की
स्नेह चुंबकीय हो जाए
और फिर ............ .....
छूट जानें का डर ही न रहे !
सुजाता दुआ
तौलते क्यों हो ....?
क्यों रहता है सदा
तुम्हारा मन असुरक्षित ...
जैसे.... कहीं कुछ छूट रहा हो ...
या की फिर छूटना चाहता हो ...!!
शायद लगता है तुम्हे ..
पकड़ मजबूत हो तो
कभी छूटती नहीं हैं
चीजें ...( ?????? )
तो क्या ....
संबंध भी ऐसे ही संभले रहते हैं
...मात्र मजबूत पकड़ में ......?
नहीं ...!!!!
संबंधों की डोर तो
बंधी रहती है
कोमल एहसासों से
वहाँ मजबूती ............ ..
गहराई से आती है
जितने गहरे एहसास
उतना मजबूत सम्बन्ध
अच्छा तुम्ही बताओ ..
कितनी देर तक पकड़ सकते हो
जो....र .......से चीजों को
आख़िर तो हाथ थकेगा न
और पकड़ ढीली हो जायेगी
या की फिर ............ .......
वो ही दम तोड़ जायेगा
जो बंद है .........तुम्हारे
मुट्ठी - पाश में ....
तो.....बेहतर है ...
करो कुछ ऐसा
की ....ें(रिश्ते ).......
ख़ुद ही जुड़े रहना चाहे तुमसे
इतना दो उनमें ें की
स्नेह चुंबकीय हो जाए
और फिर ............ .....
छूट जानें का डर ही न रहे !
सुजाता दुआ
Thursday, March 5, 2009
यही हैं मेरे हमदम
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