बेरुखी से गैरों की न टूटेगा दिल ...
दोस्तों को एक बार आजमा लीजिये
लगेगा रूमानी फिर हर मौसम
दोस्ती ज़रा खुद से निभा लीजिये....
कभी अपनें ही मन से बतियाया करें
नजरें खुद से भी जरा मिलाया करें
है कितना इशक खुद से पता हो जाएगा
निभाना ज़माने से आसान हो जाएगा